उत्तराखंड में ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ने के कारण किसानों द्वारा इस फल की खेती शुरु कर दी गई। जिसके अच्छे परिणाम किसानों को दिखाई दे रहे हैं। इन परिणामों के मद्देनजर उद्यान विभाग ने गढ़वाल रिजन में किसानों को इस फल की खेती के लिए प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया।
उत्तराखण्ड उद्यान विभाग के अपर प्रशिक्षण अधिकारी पुरुषोत्तम बडोनी ने बताया कि 2021 में पर्वतीय क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट की पैदावार को समझने के लिए इसके पौधे लगाए थे, जो अब फल देने लगे हैं। जिससे यह स्पष्ट होता है कि जहां पौधे लगाए गए थे वहां का वातावरण ड्रैगन फ्रूट के लिए उचित पाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि उद्यान विभाग की नर्सरी में भी 219 ड्रैगन फ्रूट लगाए गए थे जिसमें इसकी दो प्रजातियाँ लगाई गई, एक पिंक टू पिंक तथा दूसरा पिंक टू व्हाइट।
बता दें की ड्रैगन फ्रूट की पैदावार करना सरकार की योजना का हिस्सा नहीं रहा ब्लकि यह परीक्षण कार्य अपर प्रशिक्षण अधिकारी द्वारा किया गया था जो सफल रहा है। इसकी पैदावार के लिए उत्तराखण्ड की पहाड़ियों का घाटी वाला क्षेत्र उत्तम पाया गया। उत्तराखण्ड के मध्य हिमालायी क्षेत्र में भी इसकी खेती से किसान अच्छा लाभ प्राप्त कर पाएंगे क्योंकि इसके एक पौधे से दो तीन साल में ही फल मिलने लगते हैं और इसके लिए अधिक पानी की जरूरत भी नहीं होती है इसके एक फल की कीमत आज के समय में 200 रुपए तक है।