कोरोना काल में जान बचाने वाले ऑक्सीजन प्लांट अब सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो रहे हैं। कोविड के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद जब एहतियात बरतने की एडवाइजरी जारी हुई, तब जाकर स्वास्थ्य विभाग को याद आया कि दो प्रमुख अस्पतालों में चार ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से खराब पड़े हैं। सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज में छह ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं, जिन्हें तीन अलग-अलग स्रोतों – अंजनेय कंपनी, एचएलएल और पीएम केयर फंड – से उपलब्ध कराया गया था। इनमें एचएलएल के दो और अंजनेय का एक प्लांट काफी समय से निष्क्रिय है। वारंटी समाप्त हो जाने के कारण इनकी मरम्मत में देर हो रही है। अब इन्हें आउटसोर्सिंग के जरिए ठीक करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
हालांकि कॉलेज में ऑक्सीजन संकट नहीं है – 130 वेंटिलेटर, 250 कंसन्ट्रेटर और पर्याप्त किट उपलब्ध हैं। आरटीपीसीआर जांच भी फिर से शुरू की जा रही है। वहीं, महिला अस्पताल में कोविड सतर्कता को लेकर बैठक हुई, जिसमें स्टाफ को मास्क पहनना, सैनेटाइजर का उपयोग और सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। लक्षण दिखने पर मरीजों को तुरंत जांच के लिए बेस अस्पताल भेजा जाएगा।