• Tue. Jun 17th, 2025

उत्तराखण्ड दर्शन

समस्त उत्तराखण्ड आपके मोबाईल पर

चीड़ की छाल से गढ़ा सपना: जीवन चंद्र जोशी की कला को मिली राष्ट्रीय पहचान

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के तल्ला जाखन देवी गांव में जन्मे जीवन चंद्र जोशी ने जीवन की चुनौतियों को अपनी ताकत बना लिया। पोलियो के कारण दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उनके पिता, सिंचाई विभाग में इंजीनियर मोहन जोशी, ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। बचपन में पिता से सीखी चीड़ की छाल से कलाकृति बनाने की कला को उन्होंने अपने जुनून और मेहनत से एक नया आयाम दिया।

हल्द्वानी के कठघरिया में बसने के बाद जीवन चंद्र ने छाल से पहाड़ी घर, मंदिर, जंगल और अन्य सांस्कृतिक प्रतीकों की कलात्मक रचनाएं तैयार कीं। पिछले दो दशकों में उन्होंने इस अनूठी कला को कई शहरों के एक्सपो में प्रदर्शित किया, जिनमें कोलकाता, भोपाल और चेन्नई शामिल हैं। लखनऊ एक्सपो में उनकी प्रतिभा को खास सराहना मिली और कई ऑर्डर भी प्राप्त हुए।

उनकी मेहनत रंग लाई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी कला की प्रशंसा की और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें फोन कर हौसला बढ़ाया। आज जीवन चंद्र जोशी की कला उत्तराखंड की आत्मा को छाल में उकेरकर अंतरराष्ट्रीय पहचान की ओर बढ़ रही है।

Follow by Email
WhatsApp