• Fri. Jul 26th, 2024

उत्तराखण्ड दर्शन

समस्त उत्तराखण्ड आपके मोबाईल पर

सूखती नदियाँ और कटते पेड़ों के बीच पर्यावरण दिवस

अगर आप भी शहर की इस तपती गर्मी और धूप को छोड़कर पहाड़ों की ओर जा रहे हैं, तो ज़रा ठहरिये क्योंकि आपको बता दें कि पहाड़ों का तापमान भी शहरों के तापमान को अच्छी खासी टक्कर दे रहा है। 

पहाड़ी राज्यों का बदला मिजाज़ :

उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों का तापमान बीते कई दिनों से लगातार बढ़ रहा है जिससे वहाँ का जनजीवन बेहद प्रभावित हो रहा है। बीते 4 जून को उत्तराखंड के देहरादून का तापमान 41°C रहा जो कि अब तक का रिकॉर्ड तापमान रहा है। 

बढ़ती गर्मी के कारण सूखते जलस्रोत :

उत्तराखंड में मुख्य रूप से कुल 40 नदियाँ और 61 झील हैं। इसके अतिरिक्त गाँवों के प्राकृतिक जलाशय जैसे कि धारे एवंं पनार सूखने की कगार पर हैं। उत्तराखंड एवंं हिमांचल प्रदेश के हिमखंडों से आने वाले पानी के कारण जिन झीलों में पानी की कमी नहीं रहती थी, आज उन झीलों में भी जलस्तर घट गया है। 

शहरों की बढ़ती आबादी के कारण जलापूर्ति मुश्किल से ही हो पा रही है। जहाँ गर्मियों के दिनों में पहाड़ी क्षेत्र शहरी लोगों के समय बिताने की मनपसंद जगह होती है, वहीं बढ़ते तापमान के कारण पानी की समस्या राज्य सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं है।

बिन पेड़ों की हरियाली : 

बढ़ती पेड़ कटाई के कारण तापमान बढ़ रहा है जिससे जनजीवन अस्त -व्यस्त चल रहा है। इससे पशु-पक्षियों के जीवन पर भी बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है। ना पशुओं को रहने के लिए जगह मिल रही है और ना पक्षियों को डेरा। 

इन हालातों में भी सरकारी नीतियां अच्छा परिणाम देने में अकुशल हैं। यदि ऐसे ही हालात बने रहे तो पर्यावरण दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं रहेगा।

Follow by Email
WhatsApp