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आतिक्रमणकारियों ने किया कब्जा कई पेड़ काटे, शक के दायरे में वन विभाग

उत्तराखंड राज्य की 11 हजार हेक्टेयर की भूमि को अतिक्रमणकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया था जिसकी वन विभाग को भनक तक नहीं लगी, विभाग जब सचेत हुआ तब केवल 11.5 हेक्टेयर भूमि ही कब्जा मुक्त कराई गई।  

इस राज्य के अंतर्गत 39 वन प्रभाग आते हैं जिनके बारे में सूत्रों से अचानक यह खबर सामने आई कि जंगल की 104.54 वर्ग किलो मीटर की भूमि अब भी अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है।  साथ ही यह भी पता चला कि जंगल में अवैध ढंग से सैकड़ों पेड़ों का कटान हुआ है जिससे अब वन विभाग की कार्यप्रणाली पर यह सवाल उठते हैं कि आखिर क्यों वन विभाग ने सारी जमीन कब्जा मुक्त नहीं कराई? क्या वन विभाग ही अतिक्रमणकारियों से मिल गया है? 

2017- 2018 में फॉरेस्ट की किताब का अंतिम प्रकाशन हुआ जिसके बाद उसका प्रकाशन बंद हो गया। उस पुस्तक मे उल्लेखित है कि राज्य की 9506.2249 हेक्टेयर भूमि कब्जे में है। इसके बाद पिछले ही वर्ष सीएम के निर्देश पर कब्जे की भूमि खाली कराई गई थी। उसमें अतिक्रमण का आंकड़ा 11814.47 हेक्टेयर बताया गया। इन आंकड़ों में हुए बदलावों ने वन विभाग को शंका के दायरे में डाल दिया।        

जिसके बाद इस मामले में आज वन मंत्री ने वनकर्मियों पर कार्यवाही की बात कही परंतु वन मंत्री के पास भी इन प्रश्नों के उत्तर नहीं हैं कि आखिर यह कब्जा हुआ ही क्यों। 

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