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अल्मोड़ा के 193 प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी, शिक्षा का स्तर गिरा 

अल्मोड़ा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था अच्छे करने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है जिन्हें एक ही शिक्षक द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस कारण पढ़ाई की समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं। वहीं 193 प्राथमिक विद्यालयों में एक शिक्षक को पाँच कक्षाओं के छात्रों की शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। शिक्षकों के अभाव के कारण अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों से निकालने के लिए मजबूर हैं। 

आंकड़ों के मुताबिक पाँच साल पहले इन स्कूलों में 3000 छात्रसंख्या थी जो अब घटकर 1930 रह गई है। जाहिर है शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की संख्या भी लगातार कम होती जा रही है।आंकड़ों के मुताबिक पूरे जिले में 1249 प्राथमिक विद्यालय संचालित है। यह स्थिति शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करती है, जिसमें प्रत्येक विद्यालयों में कम से कम दो शिक्षकों की तैनाती जरूरी है। इनमें से 193 विद्यालयों में पाँच कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षक पर है एक ही शिक्षक के लिए पांचों कक्षाओं को पढ़ाना बहुत बड़ी चुनौती से कम नहीं है। 

वर्तमान में शिक्षकों की कमी से अभिभावकों में अपने बच्चे के भविष्य को लेकर गहरी चिंता है। शिक्षा विभाग छात्र संख्या में गिरावट को देखते हुए विद्यालयों में ताला लगाने को तैयार है, लेकिन छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पा रहा है। ऐसे में हर साल एकल शिक्षकों से संचालित होने वाले विद्यालयों की संख्या बढ़ती जा रही है। 

इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को तेज  करने की जरूरत है। इसके साथ ही जो अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल  में पढ़ाने के लिए खर्चा नहीं उठा सकते उन छात्रों को प्राथमिक विद्यालयों में गुणवत्तापूर्वक शिक्षा प्रदान करने की कोशिश करनी चाहिए। 

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