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सीमा पार से साजिश: 26/11 से पहलगाम हमले तक आतंक की न खत्म होने वाली कहानी

भारत में आतंकवाद हमेशा से ही भारतीय सरकार के लिए चिंताजनक विषय रहा है। देश में होने वाले ज्यादातर आतंकी हमलों में अभी तक पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का बहुत बड़ा हाथ रहा है। अगर देखा जाए तो आतंकवाद को आगे बढ़ाने में भी पाकिस्तान हमेशा आगे रहा है। इस मुल्क के नेताओं की टिप्पणी भारत के खिलाफ ही रही है। इस बार भी पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन ने ली है। आइए एक नज़र मारते हैं और जानते हैं भारत पर हुए कुछ आंतकवादी हमलों के बारे में।

26/11: मुंबई को दहला देने वाली रात

26 नवंबर 2008 की रात भारत के इतिहास में सबसे भयानक आतंकी हमलों में से एक रही। पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने समुद्री रास्ते से मुंबई में घुसकर ताज होटल, CST स्टेशन, और नरीमन हाउस को निशाना बनाया। इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।

उरी, पुलवामा और लगातार बढ़ती आतंकी घटनाएं

इसके बाद भी आतंक की साजिशें नहीं थमीं। 2016 में उरी सैन्य कैंप पर हमला, और फिर 2019 में पुलवामा में CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला – इन सबका सीधा संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से रहा। इन घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया।

हालिया हमला: पहलगाम में सेना पर हमला

2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सेना की टुकड़ी पर घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें कुछ जवान घायल हुए। प्रारंभिक जांच में इसकी साजिश भी पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से जुड़ी मानी जा रही है।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर ठोस कदम उठाए अन्यथा देशवासियों का रोष बढ़ जाएगा जो कि बाद में देश में दो समुदायों के बीच दिक्कत पैदा कर सकता है।

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