हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों को जेनेरिक दवाएं न लिखने की डॉक्टरों की मनमानी सामने आ रही है। राज्य सरकार ने सभी चिकित्सकों को अस्पताल में उपलब्ध जेनेरिक दवाएं ही लिखने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं, लेकिन कुछ डॉक्टर नियमों को ताक पर रखकर मरीजों को महंगी ब्रांडेड दवाएं बाहर से खरीदने को मजबूर कर रहे हैं। ओपीडी में 102 बीमारियों और भर्ती मरीजों के लिए 472 दवाएं चिन्हित हैं, जो अस्पताल से मुफ्त मिलती हैं। बावजूद इसके, डॉक्टर मल्टीविटामिन, एंटीबायोटिक, शुगर, बीपी और थायरॉयड की महंगी दवाएं पर्चे पर लिख रहे हैं। एक मरीज अगर बाहर से 1100 रुपये की दवाएं लेता है, तो डॉक्टरों को मोटा कमीशन मिलता है। अस्पताल में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र भी संचालित है, जहां कम कीमत में दवाएं मिलती हैं, लेकिन कमीशन के लालच में कुछ डॉक्टर इन दवाओं को प्रभावहीन बताकर मरीजों को महंगे विकल्प सुझा रहे हैं। यह रवैया दूर-दराज से आए मरीजों की जेब पर भारी पड़ रहा है।