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कैंची धाम: क्या 15 जून के लिए उत्तराखंड तैयार?

नैनीताल स्थित कैंची धाम का 60वां स्थापना दिवस 15 जून को मनाया जाना है। उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है और यहाँ सनातन धर्म के चारों धाम हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम पर भी लोगों की बहुत आस्था है। लोग कैंची धाम बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन के लिए जाते हैं और 15 जून को होने वाले स्थापना दिवस में मालपुए को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। इस वर्ष भी स्थापना दिवस के मौके पर 4 लाख लोगों के पहुँचने का अनुमान है। 

क्या रहेगा ट्रैफिक रूट प्लान?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 15 जून को आयोजित होने वाले कैंची धाम मेले के ट्राफिक रूट प्लान हेतु डीआईजी योगेंद्र रौतेला, कुमाऊँ कमिश्नर दीपक रावत, एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बीते वर्षों की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा रहने की संभावना है इसलिए उनके ठहरने का एवं गाड़ी पार्किंग का उचित इंतजाम हो। इसके लिए अधिकारियों को उनके द्वारा आदेश दे दिए गए हैं। 

एसएसपी ने बताया कि जिलाधिकारी की मौजूदगी में 15 जून के ट्राफिक प्लान के संदर्भ में एक मीटिंग आयोजित कर बातचीत कर ली गई है। 15 जून को कैंची धाम मेले के अवसर पर गरमपानी से भीमताल तक का क्षेत्र सात सेक्टर में विभाजित रहेगा। श्रद्धालु शटल सेवा का भी लाभ उठा सकते हैं। करीब 300 वाहन शटल सेवा में लगाए जाएंगे। 14 व 15 जून को कैंची धाम से भीमताल की ओर आने-जाने वाले भारी वाहनों का आवागमन भी प्रतिबंधित है। 

क्या रहेगी पार्किंग सुविधा?

एसडीएम कोश्याकुटोली विपिन चंद्र पंत के अनुसार भवाली और गरमपानी में 14 स्थानों को पार्किंग के लिए तय किया गया है। उन्होंने बताया कि भवाली, भीमताल और हल्द्वानी से आने वाले वाहनों को नैनीबैंड बाईपास, रानीखेत रोड और भवाली मैदान पर पार्क किया जाएगा। नैनीताल व ज्योलिकोट आदि इलाकों से आने वाले वाहनों को मस्जिद तिराहा या सेनिटोरियम बाईपास में पार्क कर शटल सेवा से भेजा जाएगा। साथ ही अल्मोड़ा, गरमपानी और रानीखेत से आने वाले वाहनों को गरमपानी में पार्क कर पनिराम के ढाबे तक शटल सेवा के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। 

उत्तराखंड सरकार एवं उत्तराखंड पुलिस 15 जून के भव्य आयोजन के लिए ट्रैफ़िक व्यवस्था बनाए रखने में लगी हुई है जिससे श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। 

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