इनप्रीत कौर की कहानी इस बात का उदाहरण है कि जब जुनून को दिशा मिलती है, तो वह पहचान बन जाता है। हल्द्वानी के भोटिया पड़ाव, गोविंदपुरा की रहने वाली इनप्रीत ने एमबीए के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में 12 लाख के सालाना पैकेज पर काम किया, लेकिन किस्मत उन्हें एक अलग राह पर ले जाने वाली थी।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब दुनिया थम गई, तब इनप्रीत ने खुद को कागज़ और कलम के ज़रिए फिर से पाया। ड्रॉइंग से शुरू हुआ उनका सफर धीरे-धीरे कैलीग्राफी के गहरे रंगों में ढलता गया। भाई हरजीत सिंह और भाभी के सहयोग से उन्होंने ‘Lettering Buff’ नाम से इंस्टाग्राम पर अपनी कला की शुरुआत की, जो जल्द ही वायरल हो गई।
आज इनप्रीत उत्तराखंड की पहली पेशेवर कैलीग्राफर के रूप में पहचानी जाती हैं। उनकी टीम में हल्द्वानी की प्रार्थना और पुणे की गौरी भी शामिल हैं। उनके काम की सराहना गूगल, स्विगी, मारुति और बॉलीवुड अभिनेता आर. माधवन जैसे नामी लोग कर चुके हैं। केलिग्राफी, यानी सुंदरता से भरे शब्दों की प्रस्तुति—आज के दौर में शादी कार्ड से लेकर कॉर्पोरेट डेकोर तक, इसकी मांग हर क्षेत्र में है।