उत्तराखंड की मनोरम पर्यटन नगरी रानीखेत में हाल ही में एक दुर्लभ और विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी उड़न गिलहरी (इंडियन जाइंट फ्लाइंग स्क्वायरल) नजर आई है। यह पहला अवसर है जब इस रहस्यमय जीव को यहां देखा गया। सिर्फ रात में सक्रिय रहने वाली यह गिलहरी सामान्य गिलहरी से भिन्न होती है। इसके पास उड़ने की क्षमता तो नहीं होती, लेकिन यह पेड़ों के बीच फुर्ती से ग्लाइड करती है। इसका आहार मुख्य रूप से फल, बीज, फूल, कोमल पत्तियां और कीट-पतंगे होते हैं। यह साल में एक बार 1 से 3 बच्चों को जन्म देती है।
प्रसिद्ध नेचर फोटोग्राफर कमल गोस्वामी ने इसे अपने कमरे से कैमरे में कैद किया। पर्यावरण के लिए यह जीव बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बीज फैलाकर वनस्पति को बढ़ावा देता है और कीटों का शिकार कर पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखता है। इसका दिखना न केवल दुर्लभ है, बल्कि शुभ संकेत भी माना जा रहा है।