सिंचाई विभाग द्वारा राज्य के लिए जलभराव रोकने के लिए बनाया गया प्लान हर बार की तरह कागजों तक सीमित रह गया है। इस बार भी उत्तराखंड में बारिश के कारण सड़कें पानी से भर गई और निकास न होने के कारण पानी सड़कों और घरों के आसपास भरता चला गया जिससे वहाँ रहने वाले लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
पहाड़ों में सड़कें बंद, भाभर में हुआ जलभराव
बीते कुछ दिनों से प्रदेश में भारी वर्षा हो रही है जिससे यहाँ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों की सड़कों में मलबा आ गया है जिससे सड़कों में आवाजाही बंद है। लगातार बारिश के कारण बरसाती नाले भी उफान पर हैं जो खतरे का संकेत दे रहे हैं। भाभर क्षेत्र में पानी का निकास न होने के कारण जलभराव की गंभीर स्थिति बनी हुई है जिससे लोग अपने जरूरी कामों को पूरा करने के लिए भी घर से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं जो लोगों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। जलभराव से क्षेत्र में लोगों को हर बार परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं लेकिन सिंचाई विभाग के पास इसके लिए कोई समाधान नहीं।
क्या है बरसात में जलभराव की वजह?
जलभराव प्रदेश के भाभर क्षेत्र में अब सामान्य-सी बात हो गई है। ज़्यादा घर बनने के कारण सिंचाई विभाग ड्रेनेज की अच्छी प्लैनिंग नहीं कर पाया जिसकी वजह से अत्यधिक बारिश के कारण क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बन आती है।
बजट के अभाव में नहीं कर पाया सिंचाई विभाग काम
विभाग के मुताबिक उन्होंने प्रदेश के कई शहरों के लिए ड्रेनेज प्लान बनाया था। लेकिन बजट के अभाव के कारण वे इस प्लान को लागू नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनको 8500 करोड़ रुपये चाहिए थे जो कि उनको सरकार द्वारा प्राप्त नहीं करवाए गए। अब सिंचाई विभाग एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी (जायका) जैसी वित्तीय एजेंसियों पर निर्भर है जिससे वे आगे के काम पूर्ण कर सकें। साथ ही विभाग ने यह भी बताया कि देहरादून, हल्द्वानी, जिला उधम सिंह नगर आदि जगहों का ड्रेनेज प्लान तैयार है, लेकिन अभी बजट की कमी के कारण प्लान सिर्फ कागजों तक सीमित है।