उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की पवित्र पहाड़ियों से आने वाली एक शिक्षिका ने हाल ही में मिसेज इंडिया का खिताब जीतकर पूरे प्रदेश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है।
तृप्ति नेगी हल्द्वानी के एक विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हैं। उनके पिताजी उप निदेशक, आर्थिक कार्य विभाग (डीईए), वित्त मंत्रालय (एमओएफ), भारत सरकार से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उनकी बेटी होने के नाते उनकी एक ऐसे वातावरण में परवरिश हुई जहाँ ईमानदारी, मेहनत और विनम्रता का माहौल है। केन्द्रीय विद्यालय से मिले अनुशासन और देशभक्ति ने उनके व्यक्तित्व को और भी सशक्त बनाया। तृप्ति के पति एक विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर हैं। उनकी माताजी ग्रहिणी हैं , उनकी बहन एक पशु चिकित्सक हैं और भाई यूएसए में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
दिल्ली मे वीआरपी कंपनी द्वारा इंडिया इंटरनेशनल कॉस्मो सीजन-5 में जब तृप्ति पारंपरिक पिछोड़ा और नथ पहनकर मंच पर पहुँचीं, तो वो क्षण केवल व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का नहीं, बल्कि पहाड़ी नारी की गरिमा, आत्मबल और संस्कृति का प्रतीक बन गया।
उनका कहना है कि यह जीत केवल व्यक्तिगत नहीं है – यह उनकी बड़ी बहन, माता-पिता, जीवनसाथी, बेटी और पूरे परिवार की साझी प्रेरणा और समर्थन का परिणाम है।
अपनी बेटी ऋद्धिमा को समर्पित इस उपाधि के साथ वे अब एक नई यात्रा पर निकल पड़ी हैं – एक ऐसी यात्रा जिसका लक्ष्य है सामाजिक परिवर्तन।
एक शिक्षिका के रूप में वे शिक्षा को मुक्ति का पहला कदम मानती हैं और अब इस मंच से वे आवाज़ बनना चाहती हैं उन महिलाओं की जो चुप हैं, उन माताओं की जिन्हें समर्थन चाहिए, और उन बच्चों की जो शोषण से जूझ रहे हैं।
उनका मानना है कि सशक्तिकरण की शुरुआत खुद से होती है – मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से। और अब वे इस मंच को एक मिशन में बदलने को तैयार हैं – ताकि औरों को ऊपर उठाया जा सके।