नीब करौरी बाबा के भक्तों के लिए एक नई सौगात तैयार है। अब श्रद्धालु नैनीताल से करीब 12 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर सीधे कैंची धाम पहुंच सकेंगे। पर्यटन विभाग ने नैनीताल से दूनीखाल होते हुए नाचक गांव तक पुराने अंग्रेजों के जमाने के ट्रैक को साफ-सुथरा कर पुनर्जीवित कर दिया है। मार्ग पर साइन बोर्ड और ब्राउजर बैनर भी लगा दिए गए हैं, जिससे यात्रियों को दिशा संबंधी कोई परेशानी न हो।
कैंची धाम वर्षभर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, लेकिन भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम के कारण वहां तक पहुंचना कई बार चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में यह नया ट्रैकिंग रूट एक शांत, रोमांचक और आध्यात्मिक विकल्प बनकर उभरा है। चीड़ और देवदार के घने जंगलों, बहती जलधाराओं और पक्षियों की मधुर आवाज के बीच यह रास्ता एक आत्मिक अनुभव प्रदान करता है।
पर्यटन विभाग ने मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था, विश्राम स्थल और दिशा संकेतों की व्यवस्था की है ताकि हर उम्र के यात्री इस यात्रा का आनंद ले सकें। यह रूट न केवल एक ट्रैकिंग मार्ग है, बल्कि बाबा के दर्शन की ओर एक आत्मिक यात्रा भी है।
