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नैनीझील में थाई मांगुर की दस्तक से पारिस्थितिकी तंत्र पर संकट

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नैनीझील में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली की उपस्थिति ने जैव विविधता और झील के पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। यह मछली अन्य प्रजातियों के लिए बेहद आक्रामक मानी जाती है और तेजी से पूरे जल क्षेत्र पर नियंत्रण पा सकती है। बीते सप्ताह झील किनारे थाई मांगुर देखे जाने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है।

डीडीए सचिव विजयनाथ शुक्ल ने बताया कि थाई मांगुर को झील से हटाने के लिए पंतनगर मत्स्य विभाग से संपर्क किया गया है। हालांकि अब तक कोई ठोस कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। मत्स्य वैज्ञानिक प्रो. आशुतोष मिश्रा के अनुसार, यदि समय रहते इसे नहीं हटाया गया तो यह झील की अधिकांश मछलियों को नष्ट कर सकती है और पारिस्थितिक संतुलन को बिगाड़ सकती है।

थाई मांगुर का भारत में पालन और व्यापार प्रतिबंधित है, फिर भी इसके झील में पाए जाने से प्रशासन की सतर्कता पर सवाल उठ रहे हैं। जल्द कार्रवाई न हुई तो झील की जैव विविधता पर भारी असर पड़ सकता है।

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