धारचूला की व्यास घाटी में बसे पावन आदि कैलाश क्षेत्र में ठंड का प्रकोप इस समय चरम पर है। लगातार गिरते तापमान के कारण पार्वती कुंड और गौरी कुंड बर्फ में बदलने लगे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक स्थानीय व्यक्ति को जमे हुए कुंड की सतह पर चलते हुए देखा जा सकता है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
रांगकांग ग्राम पंचायत के निवासी नरेंद्र सिंह रोंकली ने बताया कि चार दिन पहले उनकी आदि कैलाश यात्रा के दौरान पार्वती कुंड लगभग 80–90 प्रतिशत हिस्सा बर्फ की परत से ढका हुआ था। शिव-पार्वती पर्वत के निकट स्थित गौरी कुंड भी पूरी तरह जम चुका है, जिससे पानी का बहाव पूरी तरह रुक गया है।
कुटी ग्राम के प्रधान नगेंद्र सिंह कुटियाल के अनुसार, इस क्षेत्र में रात का तापमान लगातार माइनस 5 से माइनस 10 डिग्री तक पहुंच रहा है। हालांकि शिव-पार्वती मंदिर के कपाट 5 नवंबर को बंद कर दिए गए थे, फिर भी सीमित संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आदि कैलाश तथा ॐ पर्वत के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। अधिकांश होटल संचालक और घोड़े-खच्चर सेवाएं नीचे लौट चुकी हैं, जिसके चलते ऊपरी क्षेत्र में अब केवल कुछ कर्मचारी और सुरक्षा टीमें ही रह गई हैं। जमी हुई पानी की वजह से उन्हें रोजमर्रा के कामों में परेशानी आ रही है।
इधर, ऊँचे हिमालयी इलाकों में बर्फबारी की संभावना के चलते इनर लाइन पास जल्द ही बंद किए जाएंगे। मंगलवार को 19 और बुधवार को 11 परमिट जारी हुए, जिससे अब तक कुल 36,461 यात्री आदि कैलाश का दर्शन कर चुके हैं।
