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शीतकालीन यात्रा से पूरे वर्ष जीवंत रहेगा चारधाम आस्था पथ

चारधामों के कपाट बंद होने के साथ ही उत्तराखंड सरकार ने शीतकालीन यात्रा को सशक्त बनाने की दिशा में व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पूजा ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होगी, जबकि बदरीनाथ धाम के प्रवास स्थल योग बदरी पांडुकेश्वर और ज्योतिर्मठ स्थित नृसिंह मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। इसी क्रम में गंगोत्री धाम की मुखबा और यमुनोत्री धाम की खरसाली में धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे।

सरकार का लक्ष्य है कि कपाट बंदी के बाद भी आस्था की यह यात्रा जारी रहे, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन उद्योग को निरंतर मजबूती मिले। बीते वर्ष 2024-25 में शीतकालीन यात्रा के दौरान 70 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधामों के प्रवास स्थलों पर दर्शन किए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ओंकारेश्वर मंदिर से इस यात्रा की शुरुआत की थी, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखबा पहुंचकर इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन दिया था।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि इस वर्ष यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रवास स्थलों पर व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि चारधाम यात्रा केवल एक मौसम तक सीमित न रहे, बल्कि पूरे वर्ष श्रद्धा और पर्यटन का प्रतीक बनी रहे।

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