लाडली/नन्ही परी को न्याय दिलाने की मांग एक बार फिर गूंज उठी। 14 वर्षों बाद रविवार को हजारों लोग गुस्से और पीड़ा के साथ सड़कों पर उतरे। नगर निगम स्थित रामलीला मैदान से कलक्ट्रेट तक निकले विशाल जुलूस ने पूरे शहर का माहौल बदल दिया। सिमलगैर बाजार, गांधी चौक, रोडवेज व केमू स्टेशन, गुप्ता तिराहा और टकाना होते हुए प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर पहुंचे। पूरे मार्ग में न्याय की मांग करते नारे गूंजते रहे।
टकाना पहुंचकर आयोजित जनसभा में सामाजिक कार्यकर्ता रेनू पांडे, चंचल बोरा, चंद्री चंद, दीपक जोशी और शमशेर महर ने लोगों को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से मासूम के साथ दरिंदगी करने वाला आरोपी सुप्रीम कोर्ट से बरी हुआ है, उसने पूरे उत्तराखंड को हताश और निराश कर दिया है। यदि सरकार ने तुरंत पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ठोस कदम नहीं उठाए तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
सभा के दौरान लाडली के ताऊ की आंखें छलक आईं। उन्होंने कहा कि परिवार के घाव कभी भर नहीं सकते। दोषियों को सजा मिलने पर कुछ राहत मिली थी, लेकिन कमजोर पैरवी से मुख्य आरोपी का बरी होना गहरे आघात जैसा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार शीघ्र कार्रवाई नहीं करती तो परिवार आत्मदाह करने को मजबूर होगा।
लाडली के चचेरे भाई ने भावुक होकर कहा कि 11 साल पहले की घटना आज भी उनके जेहन में ताजा है। झाड़ियों में मिली मासूम बहन की तस्वीर आज भी उन्हें सोने नहीं देती। हत्यारे के बरी होने की खबर पढ़ने के बाद से वह रातों को जागते हैं। फिर भी हजारों लोगों के एकजुट होने से उन्हें उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा।
इस जुलूस और सभा में युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों, छात्रों, पूर्व सैनिकों और विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की बड़ी भागीदारी रही। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल भी भारी संख्या में तैनात किया गया था। अंत में लाडली के माता-पिता व परिजनों ने मौके पर मौजूद एसडीएम मनजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला तो पूरा जिला आंदोलन की राह पकड़ेगा।