गौला नदी से पानी की आपूर्ति ठप होने के कारण शहर में पेयजल संकट गहरा गया। बुधवार को सप्लाई न होने से करीब दो लाख की आबादी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रभावित इलाकों में जल संस्थान ने टैंकरों से पानी वितरित कराया, यहां तक कि छावनी क्षेत्र के टैंकर भी ट्यूबवेलों से पानी भरते देखे गए। शाम को नदी का जलस्तर कम होने पर फिल्टर प्लांट से आंशिक सप्लाई शुरू की गई। अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार से स्थिति सामान्य हो जाएगी।
दरअसल, एक सितंबर को खनस्यूं और आसपास के पर्वतीय इलाकों में हुई मूसलधार बारिश के बाद गौला नदी का जलस्तर 55 हजार क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया था। इसके चलते बुधवार सुबह 10 बजे बैराज के गेट खोलने पड़े। लगातार बारिश से मंगलवार तक भी जलस्तर 50 हजार क्यूसेक से अधिक बना रहा। बुधवार को बारिश थमने पर धीरे-धीरे पानी घटा और शाम 4.40 बजे गेट बंद कर 55 घंटे बाद फिल्टर प्लांट से पानी आपूर्ति बहाल की जा सकी।
दो दिन तक सप्लाई न होने से जल संस्थान के सभी टैंक खाली हो चुके थे। अब सबसे पहले टैंकों को भरा जा रहा है, जिसके बाद सामान्य आपूर्ति शुरू होगी। सिंचाई विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटे में बैराज से 45 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था। बुधवार शाम तक जलस्तर 7500 क्यूसेक पर आ गया, जिसके बाद आपूर्ति संभव हो सकी।