पहाड़ों पर बरसी आफत ने उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार देर रात बड़ी तबाही मचा दी। थराली क्षेत्र और उसके आसपास करीब 15 किलोमीटर दायरे में बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज बारिश और अचानक आए सैलाब ने देखते ही देखते बाजारों और बस्तियों को मलबे में दबा दिया। इस आपदा में 40 से अधिक दुकानें और 20 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे 90 से अधिक परिवारों के करीब 400 लोग प्रभावित हुए हैं।
बारिश का सिलसिला शुक्रवार शाम करीब सात बजे शुरू हुआ और रात करीब 12 बजे पहाड़ से अचानक भारी मलबा नीचे आ गया। पत्थरों और बोल्डरों से भरे इस मलबे ने थराली लोअर बाजार, कोटडीप, राड़ीबगड़ और चेपड़ों बाजार को भारी नुकसान पहुंचाया। थराली के एसडीएम पंकज भट्ट का आवास भी मलबे की चपेट में आ गया, हालांकि वे समय रहते सुरक्षित स्थान पर चले गए थे।
दुर्घटना में संगवाड़ा गांव की 20 वर्षीय युवती कविता की मलबे में दबकर मौत हो गई, जबकि चेपड़ों गांव के 78 वर्षीय गंगा दत्त जोशी लापता हैं। उनकी तलाश जारी है। इसके अलावा 11 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से छह को हेलिकॉप्टर से उच्च स्तरीय अस्पतालों में भेजा गया है। राड़ीबगड़ में कई गाड़ियां मलबे में दब गईं। राहत की बात यह रही कि रात में भारी बारिश को देखते हुए कई लोग पहले ही अपने घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे।
प्रशासन ने शनिवार सुबह से ही सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस की मदद से युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया। हालांकि, मलबा आने से 18 से अधिक सड़कों के बंद होने से बचाव दल को 6–8 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा।
इधर मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए नई चेतावनी जारी की है। रविवार को देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों के लिए बिजली चमकने और तेज वर्षा का येलो अलर्ट है। 25 अगस्त को भी पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का खतरा बना रहेगा, जबकि 27 अगस्त तक पूरे राज्य में तेज बारिश की संभावना है।