उत्तराखंड के चंपावत जिले में गुर्दे से जुड़ी गंभीर बीमारी नेफ्रोटिक सिंड्रोम धीरे-धीरे पैर पसार रही है, खासकर छोटे बच्चों में। जिला अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, यह बीमारी एक से 12 वर्ष तक के बच्चों में अधिक देखी जा रही है, हालांकि वयस्क भी कभी-कभार इसकी चपेट में आ जाते हैं। अस्पताल में हर महीने इस बीमारी के एक-दो नए मामले सामने आ रहे हैं।
फिजिशियन डॉ. दीपक रावत बताते हैं कि इस बीमारी में गुर्दे मूत्र के माध्यम से अत्यधिक प्रोटीन बाहर निकालने लगते हैं, जिससे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप चेहरे, आंखों के नीचे, पेट और पैरों में सूजन आने लगती है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ जाता है, जिससे थकावट, भूख में कमी और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं होती हैं।
इलाज में एल्बुमिन प्रोटीन की बोतल चढ़ाई जाती है, जिसकी कीमत ₹6,500 से ₹8,000 तक होती है, जो आम लोगों के लिए एक चुनौती बन रही है। फिलहाल, अस्पताल में एक मरीज का इलाज चल रहा है।