अंकिता भंडारी हत्याकांड में करीब दो साल आठ महीने तक चली अदालती कार्यवाही के बाद तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामले में एसआईटी ने 16 दिसंबर को 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 97 गवाहों को सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि, अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाहों की गवाही कराई गई और 236 साक्ष्य पेश किए गए, जिनमें 130 दस्तावेजी और 106 वस्तु साक्ष्य शामिल थे। बचाव पक्ष ने 4 गवाहों के साथ 9 दस्तावेजी साक्ष्य अदालत के समक्ष रखे, लेकिन वे अभियोजन के ठोस तर्कों के सामने टिक नहीं सके। अदालत ने 160 पन्नों में अपना विस्तृत फैसला सुनाया। दोनों पक्षों ने मिलाकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 30 से अधिक निर्णयों को नजीर के रूप में पेश किया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत 20 से अधिक नजीरें मामले के तथ्यों को मजबूती से स्थापित करती दिखीं, जिससे बचाव पक्ष के दावे कमजोर पड़ गए और अदालत ने दोष सिद्ध करते हुए कड़ा फैसला सुनाया।